ये हैं कामेच्छा बढ़ाने वाले एक्यूप्रेशर प्वॉइंट
- रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में खत्म हो जाती है कामेच्छा।
- 30 की उम्र पुरुषों में कम होने लगता है टेस्टोस्टेरोन लेवल।
- कामेच्छा की इस अनिच्छा का एक्यूप्रेशर तरीके से करें उपाय।
- लिबिडो एक्यूप्रेशर प्वाइंट इसका सबसे बेहतर उपाय है।
लिबिडो कामेच्छा बढ़ाने वाला एक जरूरी हार्मोन है जिसकी कमी से इंसान में कामेच्छा की इच्छा कम हो जाती है। अगर आपमें अचानक से कामेच्छा की इच्छा कम हो जाती है तो कुछ अल्टरनेटिव थैरेपी इस्तेमाल करें। अल्टरनेटिव थैरेपी में एक्यूप्रेशर प्वाइंट का इस्तेमाल सबसे अधिक फायदेमंद होता है। लिबिडो बढ़ाने के लिए एक खास एक्यूप्रेशर प्वाइंट होता है जाता प्रेशर डाल कर कामेच्छा बढाई जा सकती है।
चाइनीज थैरेपी एक्यूप्रेशर प्वाइंट बहुत सारी बीमारियों को ठीक करने के लिए उपयोग की जाती है। अगर आपको अपनी कामेच्छा से संबंधित समस्या के बारे में किसी को भी बताने में शर्म आ रही है तो इस एक्यूप्रेशर प्वाइंट का इस्तेमाल करें।
चाइनीज थैरेपी एक्यूप्रेशर प्वाइंट बहुत सारी बीमारियों को ठीक करने के लिए उपयोग की जाती है। अगर आपको अपनी कामेच्छा से संबंधित समस्या के बारे में किसी को भी बताने में शर्म आ रही है तो इस एक्यूप्रेशर प्वाइंट का इस्तेमाल करें।
लो लिबिडो के कारण
40 फीसदी महिलाओं की ये शिकायत होती है कि उन्हें रजोनिवृत्ति के बाद कामेच्छा खत्म हो जाती है। ऐसा केवल वजाइना के सूखने के कारण होता है जो कि लिबिडो हार्मोन की कमी से होता है। इसके लिए इस एक्यूप्रेशर प्वाइंट में प्रेशर डालकर लिबिडो हार्मोन को शरीर में रीलिज करने में मदद मिलेगी।
इसी तरह 50 फीसदी पुरुषों में 30 की उम्र के बाद टेस्टोस्टेरोन लेवल कम हो जाता है जो 70 की उम्र तक बिल्कुल खत्म हो जाता है। जैसे-जैसे पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होते जाता है उनकी कामेच्छा की इच्छा भी खत्म होती जाती है। ऐसे पुरुषों के लिए भी ये एक्यूप्रेशर प्वाइंट वाला उपाय कारगर होगा।
इसी तरह 50 फीसदी पुरुषों में 30 की उम्र के बाद टेस्टोस्टेरोन लेवल कम हो जाता है जो 70 की उम्र तक बिल्कुल खत्म हो जाता है। जैसे-जैसे पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होते जाता है उनकी कामेच्छा की इच्छा भी खत्म होती जाती है। ऐसे पुरुषों के लिए भी ये एक्यूप्रेशर प्वाइंट वाला उपाय कारगर होगा।
लिबिडो एक्यूप्रेशर प्वाइंट
एक्यूप्रेशर थैरेपी के जरिये शरीर में लिबिडो हार्मोन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। शरीर में लिबिडो एक्यूप्रेशर प्वाइंट दो जगह होते हैं।
- स्टोमक प्वाइंट - शरीर में लिबिडो हार्मोन बढ़ाने के लिए पेट में नाभी की जगह पर उंगुलियों के पोर से चार-पांच मिनट तक प्रेशर डालते रहें। इसी तरह से प्रेशर डालते हुए नाभी से दो उंगुली नीचे जाएं। थोड़ी देर वहां पर प्रेशर डालें। ऐसा सुबह-शाम दस-दस मिनट के लिए करें। इससे लिबिडो हार्मोन शरीर में रीलिज होगा और आपमें कामेच्छा उत्पन्न होगी।
- किडनी प्वाइंट - किडनी आपके शरीर का सबसे अधिक प्रोडक्टिव पार्ट है जिसके आधार पर शरीर की जीवन-क्रिया चलती है। लिबिडो हार्मोन के लिए किडनी प्वाइंट काफी हेल्पफुल है। किडनी प्वाइंट एंकल बोन में होती है। एंकल प्वाइंट पर उंगुलियों के पोर से प्रेशर डालें। इससे एचिल्स टेंडन पर प्रेशर पड़ता है जो किडनी से जुड़ी होती है। ये आपको रिलेक्स करता है और शरीर में लिबिडो हार्मोन रीलिज करता है।
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