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Saturday, April 9, 2016

सिर्फ 2 मिनट में चेहरे पर आएगी रौनक

सिर्फ 2 मिनट में चेहरे पर आएगी रौनक, ट्राई करें ये उपाय                

                  कई बार आपको अचानक किसी पार्टी में जाने के लिए इंस्टेंट ग्लो की जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में आप ड्राई फ्रूट फेस पैक आजमा सकती हैं।

                      इसके लिए काजू, बादाम, पिस्ता, मलाई, व्हीट जर्म ऑयल, गुलाब जल और मसूर की दाल को मिला कर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर लगाएं तथा 15 मिनट बाद चेहरा धो लें। अब स्किन को सूट करता मॉइश्चराइजर लगाएं।

                   एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की मदद से यह चेहरे में इंस्टेंट ग्लो देता है। यदि इसका असर और बढ़ाना चाहती हैं तो गुलाब जल को आइस टे्र में जमा लें और क्यूब्स को कुछ देर तक चेहरे पर मलें।



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Friday, April 8, 2016

एक्यूप्रेशर प्वॉइंट के जरिये

ये हैं कामेच्‍छा बढ़ाने वाले एक्‍यूप्रेशर प्‍वॉइंट


  • रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में खत्म हो जाती है कामेच्छा।
  • 30 की उम्र पुरुषों में कम होने लगता है टेस्टोस्टेरोन लेवल।
  • कामेच्छा की इस अनिच्छा का एक्यूप्रेशर तरीके से करें उपाय।
  • लिबिडो एक्यूप्रेशर प्वाइंट इसका सबसे बेहतर उपाय है।



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Sunday, April 3, 2016

हवाई जहाज में लोग अक्‍सर करते हैं ये बेवकूफियां

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हवाईजहाज में सफर करते हुए अपना कई लोग स्टेटस दिखाने की हर संभव कोशिश करते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि वे दूसरों की निजता तो भंग करते ही हैं साथ ही अपनी हर बात दूसरों के कानों तक पहुंचाने की भरसक कोशिश भी करते हैं। यहां हम हवाईजहाज में लोगों द्वारा की जाने वाली कुछ बेवकूफियों की चर्चा कर रहे हैं।


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    फ्लाईट अटेंडेंट के साथ बदतमीजी




    अकसर फ्लाईटों में देखा जाता है कि एयरहोस्टेस को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कुछ पैसेंजर कुछ न कुछ ऊलजुलूल हरकत अवश्य करता है। यही नहीं उन्हें बार बार बुलाकर उनका समय भी बर्बाद करता है। इतने में ही लोगों की बेवकूफियां खत्म नहीं होतीं। वे यहां से वहां अपने काम के चलते चल रही एयरहोस्टेस को कभी कभी पैर लगाने की कोशिश करते हैं तो कभी उन पर कमेंट भी मारते हैं। ये ऐसी हरकते हैं जो सिर्फ बेवकूफियां नहीं बल्कि लोगों की बदतमीजियां हैं।
    फ्लाईट अटेंडेंट के साथ बदतमीजी
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    सीट की पाकेट में मौजूद चीजों से छेड़छाड़

    हो सकता है कि प्लेन में आपका पहला सफर है। इसलिए हर चीज आपके लिए नई नई है। लेकिन क्या इसका मतलब है कि आप चीजों से इस तरह छेड़छाड़ करें मानों कभी देखा ही न हो। अकसर हवाईजहाज में सफर करने वालों को ये बेवकूफी करते देखा गया है। हर कोई यह जानने को आतुर रहता है कि सीट की पाकेट में क्या रखा है? उसे हाथ लगाने से क्या होता है? कहीं उसके अंदर कुछ ऐसी चीज तो नहीं छिपी जिसे कभी न देखा गया हो? वगैरह-वगैरह। प्लेन की सीट में रखी चीजों के साथ लोग इस तरह पेश आते हैं मानों वे छोटे बच्चे हैं।

    pinterestसीट की पाकेट में मौजूद चीजों से छेड़छाड़
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    इमर्जेंसी गेट से छेड़छाड़

    अब भला इमर्जेंसी गेट से छेड़छाड़ की क्या जरूरत है? प्लेन में बैठते ही स्पष्ट हिदायत दी जाती है कि प्लेन में आपातकाल स्थिति में इमर्जेंसी गेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन भला उड़ती फ्लाइट में इससे छेड़छाड़ कर क्या हासिल हो जाएगा? कुछ नहीं वरन लोगों की नजर में आप संदिग्ध आदमी के रूप में सामने आ सकते हैं।

    pinterestइमर्जेंसी गेट से छेड़छाड़
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    जोर जोर से बात करना

    हम घर में भी तेज बात करने से बचते हैं कि कोई हमारी बातें सुन न ले। लेकिन फ्लाईट में यह नोटिस किया गया है कि हर कोई अपने स्टेटस को जगजाहिर करने को व्याकुल रहता है। इसलिए तेज बात करने से पीछे नहीं हटता। जबकि इस तरह की बेवकूफी से कोई आपकी ओर आकर्षित तो नहीं होता वरन आप दूसरों के लिए फ्लाईट का सफर दर्दभरा बना देते हैं।यूं तो फ्लाईट में फोन पर बात न करना ही समझदारी है। लेकिन अगर आप फोन पर बात कर ही रहे हैं तो क्या दूसरों को सुनाना भी जरूरी है? नहीं। बावजूद इसके कुछ लोग ऐसे हैं जो फोन पर न सिर्फ चिल्लाते हैं बल्कि दूसरों के मान-सम्मान का लिहाज न करते हुए अपशब्दों का भी इस्तेमाल करते हैं।

    pinterestजोर जोर से बात करना
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    कूड़ा दूसरों की सीट पर फेंकना

    बस, ट्रेन, मेट्रो। इन तमाम जगहों को तो हम किसी कूड़ेघर की तरह ट्रीट करते हैं। लेकिन क्या एयरप्लेन में भी ऐसा किया जाना सही है? हालांकि ऐसा करना कहीं भी सही नहीं है। लेकिन फ्लाईट में खा पीकर छिलका, कागज, रैपर आदि दूसरों की सीटों के नीचे फेंककर आप अपनी ही बेवकूफी का परिचय दे रहे हैं। अतः ऐसा न करें।

    pinterestकूड़ा दूसरों की सीट पर फेंकना

Tuesday, March 22, 2016

खांसी से बचाव के लिए घरेलू उपचार

khansi ke liye gharelu upchar          सी यूं तो एक सामान्‍य बीमारी है, लेकिन यह तकलीफ बहुत देती है। इसे दूर करने के लिए बाजार में मिलने वाली दवायें आपको उनींदा बना सकती हैं। इसलिए आप कुछ कारगर घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैं।

खांसी किसी भी समय हो सकती है। वैसे तो सर्दी, खांसी, सिरदर्द, जुकाम जैसी कुछ बीमारियां होती हैं जिनके इलाज के लिए हम चिकित्सक के पास जाने से बचते हैं। खांसी की समस्या होने पर आप सुकून से कोई काम नहीं कर सकते हैं। खांसी किसी भी वजह से हो सकती है। बदलता मौसम, ठंडा-गर्म खा या पी लेना या फिर धूल या किसी अन्यी चीज से एलर्जी के कारण। सूखी खांसी होने पर ज्यादा तकलीफ होती है। आइए हम आपको खांसी से बचने के कुछ उपायों के बारे में बताते हैं।








खांसी से बचाव के लिए घरेलू उपचार




  1.   गाय के दूध का 15-20 ग्राम घी और काली मिर्च को एक कटोरी में लेकर हल्की आंच में गरम कीजिए। जब काली मिर्च गरम हो जाए तो उसे थोडा सा ठंडा करके लगभग 20 ग्राम पीसी मिश्री मिला दीजिए। उसके बाद काली मिर्च निकालकर खा लीजिए। इस खुराक को दो-तीन दिन तक लेने से खांसी बंद हो जाएगी।
  2. तुलसी के पत्ते 5 काली मिर्च, 5 नग काला मनुक्का, 5 ग्राम चोकर (गेहूं के आटे का छान), 6 ग्राम मुलहठी, 3 ग्राम बनफशा के फूल लेकर 200 ग्राम पानी में उबाल लीजिए। जब पानी आधा हो जाए तो उसे ठंडा करके छान लीजिए। फिर गर्म करें और बताशे डालकर रात को सोते समय गरम-गरम पी लीजिए। इस खुराक को 3-4 दिन तक लेने से खांसी ठीक हो जाती है।
  1. खांसी होने पर सेंधा नमक की डली को आग पर अच्छे से गरम कर लीजिए। जब नमक की डली गर्म होकर लाल हो जाए तो तुरंत आधा कप पानी में डालकर निकाल लीजिए। सोने से पहले इस पानी को पीने से खांसी में काफी आराम मिलता है।
  1. एक ग्राम सेंधा नमक और 125 ग्राम पानी को आधा होने तक उबालिये। सुबह-शाम इस पानी को पीने से खांसी में आराम मिलता है।
  1. खांसी आने पर सोंठ को दूध में डालकर उबाल लीजिए। शाम को सोते वक्त इस दूध को पी लीजिए। ऐसा करने से कुछ दिनों में खांसी ठीक हो जाती है।
  1. शहद, किशमिश और मुनक्के को मिलाकर खाने से खांसी ठीक हो जाती है।
  1. त्रिफला में बराबर मात्रा में शहद मिलाकर पीने से खांसी में फायदा होता है।
  1. तुलसी, कालीमिर्च और अदरक की चाय पीने से भी खांसी समाप्त होती है।
  1. हींग, त्रिफला, मुलेठी और मिश्री को नींबू के रस में मिलाकर चाटने से भी खांसी में फायदा मिलता है।
  1. सूखी खांसी कुछ ज्यादा ही तकलीफदेह होती है। सूखी खांसी में कफ नहीं आता सिर्फ खांसी आती है जो परेशान करती है। खांसी अगर ज्यादा दिन तक आए तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। दो हफ्ते से ज्यांदा खांसी आने पर चिकित्सक से संपर्क अवश्य करना चाहिए।

Friday, March 18, 2016

ब्रा रुल्स की जानकारी हर लड़की के लिए है जरूरी

ब्रा खरीदने से पहले कुछ सोच-विचार नहीं करती हैं और अपने ब्रेस्ट के साइज के अनुसार कोई भी ब्रा खरीद लेती हैं तो आप अपने ब्रेस्ट के शेप से खिलवाड़ कर रही हैं।
थोड़ा समय दें

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    क्या है ब्रा रुल्स?

    ब्रा जिस पर आपके ब्रेस्ट का शेप निर्भर करता है। अगर ब्रा ब्रेस्ट को शेप दे सकते हैं तो उसे बिगाड़ भी सकते हैं। इसलिए ब्रा खरीदने या उसके इस्तेमाल करने से पहले हर लड़की को ये जरूरी ब्रा रुल्स की जानकारी होनी चाहिए। इन ब्रा रुल्स में ब्रा से जुड़ी सब तरह की जानकारियां शामिल है जिनके बारे में आपको या तो मालुम नहीं था या आपने नजरअंदाज कर दिया था।
    क्या है ब्रा रुल्स?
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    परफेक्ट फिट ब्रा

    कई बार आपने नोटिस किया होगा कि ब्रेस्ट साइज का ब्रा लेने पर भी ब्रा फिट नहीं आते। ऐसा आपके ब्रा के वैरिएंट साइज के बारे में पता नहीं होने के कारण होता है। ब्रा केवल 32, 34 ... के साइज में ही नहीं बल्कि ए, बी औऱ सी के साइज में भी आते हैं, जिसके बारे में बहुत कम लड़कियों को पता होता है। अगर 32 का ब्रा भी आपको फिट नहीं हो रहा है तो स्टोर स्टाफ की मदद लें और 32ए, 32बी या 32सी ब्रा में से कोई परफेक्ट ब्रा खरीदें।
  • परफेक्ट फिट ब्रा
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    सही फिट और शेप का ब्रा

    ब्रा खरीदते समय लड़कियों का ध्यान केवल उसके साइज पर होता है। लेकिन जरूरी नहीं कि सही फिट ब्रा आपके ब्रेस्ट को सही लुक दे। इसलिए ब्रा ट्राय करते वक्त अपनी किसी दोस्त को अपने साथ जरूर रखें जिससे वो आपको बता सके कि कौन से ब्रा में आपके ब्रेस्ट का लुक सही आ रहा है। अगर आपके साथ कोई ना हो तो नॉन वायर्ड या नॉन पेडेड ब्रा ही लें।
    सही फिट और शेप का ब्रा
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    थोड़ा समय दें

    कोई भी ऐसा-वैसा ब्रा ना खरीदें। अंडरगारमेंट्स की शॉपिंग अलग से थोड़ा टाइम निकाल कर करें। विशेष तौर पर ब्रा की खरीदारी के लिए थोड़ा अलग से ही समय दें। ब्रा ट्राई करते वक्ट हाथों को मूव करें और थोड़ा आगे-पीछे झुक कर देखें। अगर आपको सबकुछ कम्फर्टेबल फील होता है तो ब्रा खरीद लें। डिसकम्फर्ट ब्रा बिल्कुल ना खरीदें।
    थोड़ा समय दें
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    ब्रा की उम्र केवल छह महीने

    भले ही आपने बहुत महंगी ब्रा खरीदी है और अब तक आपने थोड़ा भी वेट लूज या गेन नहीं किया है तो भी आपको ब्रा बदलने की जरूरत है। क्योंकि बॉडी में हमेशा बदलाव होते रहते हैं खासकर ब्रेस्ट के साइज में सबसे अधिक बदलाव होते हैं। ऐसे में छह महीने से अधिक, कोई भी ब्रा इस्तेमाल ना करें।
    ब्रा की उम्र केवल छह महीने
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    हाथों से धोयें

    अगर कपड़े धोने के लिए वॉशिंग मशीन का इस्तेमाल करती हैं, तो भी ब्रा को हाथों से धोएं। साथ ही ब्रा धोने के लिए साबुन का इस्तेमाल करें। सर्फ में कपड़ों के साथ ब्रा बिल्कुल ना डालें। गर्म पानी से भी ब्रा बिल्कुल ना धोयें।
    हाथों से धोयें

Thursday, March 10, 2016

जानिये अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने के तरीके

जीवित रहने के लिए सांस लेना ज़रूरी है और सांस लेने के लिए स्वस्थ फेफड़े होना जरूरी है| जानिये अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने के तरीके


फेफड़े हमारे शरीर के बेहद महत्वपूर्ण अंग होते हैं। क्योंकि जीवित रहने के लिए सांस लेना ज़रूरी है और सांस लेने के लिए स्वस्थ फेफड़े होना जरूरी है। तो यदि फेफड़ों की सही देखभाल करें तो ये जीवन भर साथ दे सकते हैं।
  •   1                              फेफड़ों को स्वस्थ रखने के तरीके
                                                                                        फेफड़े हमारे शरीर के बेहद महत्वपूर्ण अंग होते हैं। क्योंकि जीवित रहने के लिए सांस लेना ज़रूरी है और सांस लेने के लिए स्वस्थ फेफड़े होना आवश्यक है। यदि अपने फेफड़ों की सही देखभाल करें तो ये जीवन भर हमारा बेहतर साथ दे सकते हैं। अगर फेफड़ों पर बाहर से किसी प्रकार का हमला न हो तो वे काफी टिकाऊ बने रहते हैं। यदि कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो हमारे फेफड़े तब तक स्वस्थ रहते हैं जब तक हम खुद किसी तरह (धूम्रपान आदि) से इन्हें मुसीबत में न डालें। तो चलिये आज ऐसे कुछ तरीकों के बारे में जानते हैं जिनकी मदद से हम अपने फेफड़ों को हमेशा स्वस्थ रख सकते हैं। 

  •   2                           क्यों हैं गंभीर विषय
                                                                            विश्व भर में सैकड़ों लाखों लोग हर साल फेफड़े संबंधी रोग जैसे टीबी, अस्थमा, निमोनिया, इन्फ़्लुएन्ज़ा, फेफड़े का कैंसर और फेफड़े सम्बन्धी कुछ अन्य दीर्घ प्रतिरोधी विकारों से पीड़ित हैं। और दुखद है कि इनके कारण लगभग 1 करोड़ लोग मृत्यु को प्राप्त होते हैं। फेफड़ों के रोग हर देश व सामाजिक समूह के लोगों को प्रभावित करते हैं, लेकिन खासतौर पर गरीब, बूढ़े, युवा और कमजोर व्यक्तियों पर ये जल्दी असर डालते हैं। फेफड़ों में फैलने वाले इन संक्रमणों के बारे में लोगों के बीच जानकारी का काफी अभाव है। प्रदूषित वातावरण, घर के भीतर का प्रदूषण (जैसे लकड़ी, कंडे या कोयले को जला कर खाना पकाना), धूम्रपान, तम्बाकू आदि का सेवन ऐसे कई कारणों से फेफड़े संबंधी रोगियों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है। लेकिन यदि उचित जीवन शैली और धूम्रपान मुक्त वातावरण बनाया जाये तो फेफड़े सम्बन्धी संक्रमणों को काफी हद तक कम किया जाना संभव है। 

  •   3                                      न करें धूम्रपान
                                                                         धूम्रपान करना फेफड़ों को सबसे ज़्यादा हानि पहुंचाता है। बात जब धूम्रपान की आती है तो इसकी कोई सुरक्षित दहलीज़ नहीं है। कोई जितना अधिक धूम्रपान करेगा, फेफड़ो का कैंसर और सीओपीडी (जिसके अंदर दीर्घकालिक फेफरों का सूजन और एफिसेमा आता है) होने का ख़तरा उतना ही अधिक  होगा। लेकिन केवल सिगरेट बंद कर देना काफी नहीं है, मारिजुआना, पाइप या सिगार भी फेफड़ों के लिए उतना ही घातक होते हैं।



  4                                   पानी
                                                                                  फेफड़ों की सेहत को दुरुस्त बनाए रखने के लिए पानी बेहद जरूरी होता है। पानी से फेफड़े हाइड्रेट (गीले) बने रहते हैं और फेफड़ों की गंदगी इसी गीलेपन की वजह से बाहर निकल पाती है और फेफड़े सेहतमंद बने रहते हैं। इसलिये गर्मी हो या ठंड पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिये।  




  5                                      ब्रीदिंग एक्सरसाइज जरूर करें
                                                                                                  ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से फेफड़ों को मजबूत बनाया जा सकता है और उनसे ज़्यादा काम लिया जा सकता है। साथ ही आपका हृदय स्वास्थ्य जितना अच्छा होगा आपके फेफड़ों को हृदय और मासपेशियों को ऑक्सीजन देने में उतनी ही आसानी होगी। फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिये रोज़ाना वर्कआउट करना ज़रूरी होता है।




6                                                         मौसम के अनुरूप देखभाल
                                                                                   उमस भरे या बहुत ठंडे मौसम में फेफड़ों को स्वस्थ रखने या उससे संबंधित परेशानी से राहत पाने के लिए खूब पानी पिएं। फेफड़ों से संबंधित किसी तरह की परेशानी हो तो बहुत खट्टी या ठंडी चीजें न खाएं। इसके सेवन से फेफड़ों में सूजन की आशंका रहती है। शरीर को एकदम सर्दी से गर्मी या गर्मी से सर्दी में ले जाने से भी बचें।





  7                                               वायु प्रदूषण से बचें
                                                                                                   ज़्यादातर गर्मी के महीने में कुछ जगहों में ओजोन और दूसरे प्रदूषक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे लोग ज़्यादातर वायु प्रदूषण से संवेदनशील होते हैं। इसलिये बाहर जाएं तो मेडिकेटिड मास्क का उपयोग करें और शरीर को समय समय पर डिटॉक्सिफाई करते रहें। 




  8                                                                          घर को स्वच्छ रखें
                                                                                                           वायु प्रदूषण सिर्फ बाहर होने वाली समस्या नहीं है। घर में भी कई चीज़ें हैं जैसे लकड़ी से जलने वाले स्टोव, अंगीठी, मोल्ड, मोमबत्तियां और एयर फ्रेशनर भी वायु प्रदूषण का कारण बन सकते हैं। इसलिये यहां पर तीन तरह के उपाय ज़रूरी हैं, पहला स्रोत को हटाना, दूसरा वेंटिलेशन को बढ़ाना और तीसरा वायु को स्वच्छ रखने का बंदोबस्त करना।





9                                                                                  पौष्टिक भोजन करें
                                                                                               वे खाद्य पदार्थ जिसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं फेफड़ों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। 2011 में किए गए एक अध्ययन से पता चला कि वे लोग जो फूलगोभी, ब्रॉकली, बंदगोभी खाते हैं उनमें फेफड़ो का कैंसर होने की आशंका ये चीज़ें न खाने वाले लोगों की तुलना में काफी कम होती है।





  10                                                        काम करते समय सावधानी
                                                                                                  कई काम जैसे निर्माण, बालों की स्टाइलिंग व जस्टिंग आदि में गंदगी भीतर जाने की वजह से फेफड़ों पर ख़तरा होता है। तो ऐसा कोई भी काम करते समय अपने मुंह और नाक को ठीक तरह से ढ़क कर ही काम करें व अन्य सावधानिया भी बरतें।



कैसे करें शीर्षासन

कैसे करें शीर्षासन और क्‍या हैं इसके फायदे




शीर्षासन कैसे किया जाता है? किन लोगों को शीर्षासन नहीं करना चाहिए? इन्हीं सब बातों को जानने के लिए यह जानना होगा कि शीर्षासन क्या हैं। आइए जानें


    • शीर्षासन को वृक्षासन और कपालासन के नाम से भी जाना जाता है।
    • इसमें शरीर का भार सिर पर और पैर आसमान की तरफ होते हैं।
    • पाचन संबंधी बीमारियों, रक्‍त संचार सुधारने के लिए करें ये आसन।
    • शुरूआत में इसका अभ्‍यास विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए।






                      योगासन कोई भी हो लेकिन उसके कोई ना कोई फायदे जरूर होते हैं। शीर्षासन भी एक ऐसा ही आसन है जो सिर के बल किया जाता है। शीर्षासन को योगासनों में सबसे अच्छा माना जाता है। शीर्षासन को वृक्षासन और कपालासन के नाम से भी जाना जाता हैं। शीर्षासन के कई लाभ हैं इसीलिए इसे बहुत ही उपयोगी माना जाता है। लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि आखिर शीर्षासन क्या है, इसके क्या -क्या लाभ हैं। शीर्षासन कैसे किया जाता है। किन लोगों को शीर्षासन नहीं करना चाहिए। इन्हीं सब बातों को जानने के लिए यह जानना होगा कि शीर्षासन क्या हैं। आइए जानें आखिर शीर्षासन क्या है।

    Shirshasana Yoga in Hindi

    क्या है शीर्षासन

    • शीर्षासन जैसे की नाम से ही विदित हैं यह सिर के बल किया जाने वाला आसन हैं। हालांकि शीर्षासन को करने के लिए बहुत अभ्यास की जरूरत है क्योंकि इस आसन को करना हर किसी के बस की बात नहीं।
    • यदि कोई शीर्षासन करना सीख जाएं तो वह व्यक्ति कई गंभीर बीमारियों से आराम से लड़ सकता हैं।
    • शीर्षासन को ताड़ासन के विपरीत माना गया हैं।

    शीर्षासन करने की प्रक्रिया

    • शीर्षासन किसी चद्दर या फिर कंबल पर करना चाहिए।
    • इसके लिए आपको किसी सपाट जगह का चयन करना चाहिए।
    • शीर्षासन के लिए सबसे पहले आपको वज्रासन में बैठना चाहिए। आप इस तरह से बैठें की आगे की ओर झुकने के लिए आपके पास भरपूर जगह हो।
    • वज्रासन में बैठकर आप दोनों कोहनियों को जमीन पर टिकाकर दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में मिला लें।
    • दोनों हाथों की अंगुलियों को मिलाकर आपकी हथेलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए जिससे आप अपने सिर को हथेलियों का सहारा दे सकें।
    • धीरे-धीरे आगे की ओर झुकते हए अपने सिर को हथेलियों पर रखें और सांस सामान्य रखें। फिर धीरे-धीरे अपने सिर पर शरीर का भार आने दें।
    • इस स्थिति में आकर आपको अपने पैरों को आसमान की ओर उठाना है ठीक इस तरह से जैसे आप सीधें पैरों के बल खड़े होते हैं वैसे ही आप उल्टा सिर के बल खड़े हैं।
    • कुछ देर इसी स्थिती में रहें और फिर सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।

    शीर्षासन के लाभ

    • शीर्षासन को नियमित रूप से करने से आप पाचन संबंधी बीमारियों से आसानी से निजात पा सकते हैं।
    • शीर्षासन से शरीर में रक्त संचार प्रक्रिया सुचारू रूप से काम करने लगती हैं।
    • शीर्षासन से शरीर को मजबूती मिलती हैं और शरीर हष्ट -पुष्ट बनता हैं।
    • शीर्षासन के जरिए ही मस्तिक में रक्त संचार बढ़ता हैं जिससे याददाश्त बढ़ाने में मदद मिलती हैं।
    • कब्ज, हर्निया जैसी बीमारियों से निजात पाने के लिए शीर्षासन करना चाहिए।
    • बालों संबंधी समस्याओं, बालों के झड़ने की समस्या हो या फिर समय से पहले बाल सफेद होने की समस्या इनसे निजात पाने के लिए शीर्षासन करना चाहिए।
    • शरीर को अधिक से अधिक सक्रिय करने और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए शीर्षासन बहुत ही उपयोगी आसन हैं।
    Benefits of Shirshasana Yoga in Hindi

    शीर्षासन के दौरान सावधानियां

    • पहली बार शीर्षासन किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए।
    • यदि आप थोड़ा सा भी अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं तो आपको शीर्षासन करने से बचना चाहिए।
    • पहली बार शीर्षासन के दौरान आप दीवार का सहारा भी ले सकते हैं।
    • आपका रक्तचाप बहुत अधिक बढ़ा रहता है तो आपको शीर्षासन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
    • यदि आपको सर्वाइकल की समस्या है या फिर गर्दन में दर्द की समस्या है तो आपको शीर्षासन नहीं करना चाहिए।
    • जिन लोगों को कम दिखाई देता है या फिर आंखों संबंधी कोई और समस्या हैं तो उन्हें शीर्षासन नहीं करना चाहिए।

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